

छुरिया ! DNnews- मौसम बदलते ही छत्तीसगढ़ की राजनीतिक फिजा भी बदल गई है. वैसे मौसम मानसून का है, पानी गिर रहा है, पर बाढ़ कांग्रेस पार्टी में आ चुकी है, इसमें कौन डूबता है, कौन देखता है, कौन तैरकर निकलता है यह देखने वाली बात होगी. जहां राजनीतिक सरगर्मी घटनाक्रम के कारण राष्ट्रीय राजनीतिक में बैठे लोगों की नींद उड़ा दी गई. वही देखने को मिला है कि कौन कितना ताकतवर है इस ताकत को मापने के लिए भी लोग मूल्यांकन और आकलन करने लगे है.
छत्तीसगढ़ की जनता पूर्व भाजपा शासनकाल के समय पन्द्रह वर्षो तक कई राजनीति पैतरेबाजी से तंग आकर छत्तीसगढ़ की जनता ने सरकार ही बदलने का मन बना लिया. उस वक्त समय का नजाकत देखते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहित टी. एस. जैसे कद्दावर नेता ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला.
विपक्ष मे रहते हुए प्रदेश मे एक अच्छा प्रदर्शन किया. जिससे कांग्रेंस के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को बल मिला वहीं टी. एस. बाबा का घोषणा पत्र कांग्रेंस के लिए संजीवनी साबित हुआ. परिणाम रहा विधानसभा चुनाव मे भरपूर जन समर्थन मिला और बहुमत के साथ छत्तीसगढ़ मे कांग्रेस का सरकार बना मुख्यमंत्री भुपेश बधेल टी. एस. बाबा की जोड़ी बेहतर तरीक़े से जनकल्याणकारी योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के जनता को विगत दो वर्षों से देते आ रहे थे. मगर सरकार के कुछ विधायक व बड़े नेता विपक्ष के नेताओ को ये सफल सरकार रास नहीं आने लगा. फिर क्या अन्दर ही अन्दर सरकार को कमजोर करने कई तरह के हथकंडे अफनाए जाए रहे है. नेता सत्ता के नशे मे सघर्ष के दिन भूल गए. आज कांग्रेस के घर मे ही दुशमनो की कमी नहीं है वर्तमान राजनीति घटना क्रम का क्या अंजाम होगा समय बताएगा. ऊट किस करवट बैठता है राजनीति गलियारो मे चर्चा है. सत्ता दल के विवादित विधायक इतना नादान नहीं जो बगैर आधार के एक कद्दावर मंत्री पर इतना गभ्भीर आरोप लगा दे. जिससे राजनीति भूचाल आ जाए ये महज भावनाओं मे आकर ऐसा बाते नही होती. वह भी एक ऐसे सज्जन कद्दावर व्यक्ति है जिनकी नाम व पहचान है. उनपर इतना गभ्भीर आरोप लगाकर भावनाओं मे बह जाने का बात कर इस राजनीति आग को ठंडा नही किया जा सकता. बाबा सिर्फ छत्तीसगढ़ मे ही नही पूरा भारत मे जाने वाले सख्सियत है राजनीति नौटंकी के वजह से। टी एस बाबा जैसे काबिल नेता का नाराजगी राजनीतिक सकंट न बन जाए.