

▶️अवैध उगाही चरम सीमा पर
▶️ट्रक ड्राइवरो के पास खाना खाने के लिए पैसा नही
छुरिया ! DNnews- देश मे ट्रक ड्राईवरों का अर्थ व्यवस्था संभालने मे बहुत बड़ा योगदान रहता है. परिवार छोड़ महिनों ट्रक मे सफर करना. व वही ट्रक के भरोसे परिवार चलाना कोई इन्ही ड्राईवरों से सीखें. कोरोना काल मे इमरजेंसी मे चाहे आक्सीजन पहुंचाने की बात हो या, राशन पानी सब कुछ इन्हीं ड्राईवरों के भरोसे टिका हुआ है. ऐसे मे ट्रक ड्राईवरों को परेशान करना समझ से परे है.
मालूम हो कि महराष्ट्र व छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे पर बना छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा परिवहन चेकपोस्ट पाटेकोहरा इस समय अवैध उगाही को लेकर काफी सुर्खियों मे है. आए दिन इस चेकपोस्ट मे झगड़ा झंझट होता रहता है वर्षों पहले भाजपा शासन काल मे इतना अवैध उगाही का मामला सामने नही आया. इतना बदनाम नहीं हुआ था. वर्तमान मे यहां का हालात देख लगता है इन्हें सरकार के छवि परिवहन विभाग के बदनामी व नियम कानून से कोई लेनादेना नही है. जिस बेरहमी से ट्रक मालिक से अवैध उगाही किया जा रहा है.वह तो हद हो गया है. आज जब झारखंड के कुछ ट्रको को पाटेकोहरा चेकपोस्ट मे रोककर जो अवैध उगाही किया जा रहा उससे तो सुनकर ताज्जुब होगा.
खबर यह है कि झारखंड ट्रक ड्राइवरो से आरटीओ बेरियर मे पहले कागजात मंगाया गया. फिर तीन हजार का चालान काटा गया. जिसे ट्रक ड्राइवर द्वारा तुरंत पटाकर रसीद लिया. कायदे से उसके बाद गाड़ी छोड़ना चाहिए मगर ऐसा करने के बजाए ट्रक ड्राइवर से तुरंत चालान का रसीद व कागजात को लेकर जब्त कर पुनः पांच हजार रुपया मांगा गया. ट्रक ड्राइवर का कहना है कि उन्होंने मालिक से तीन हजार के चालान बताया उन्होंने मुझे पैसा भेजा. मैने रसीद भी कटा लिया. अब मेरे पास खाने के लिए पैसा नही है मै फिर मालिक से एक ही समय मे दो बार चालान की पैसा मंगुगा तो मालिक मुझे गलत समझेगा. मै किस मुंह से बताऊंगा समझ नही आ रहा है. प्रशासन को चाहिए कि इस तरह हो रहे अवैध उगाही पर तत्काल लगाम लगावें. नही तो सरकार की छवि खराब होने मे कोई देर नही लगेगा।
