प्रदेश मे अफसरशाही बेलगाम, सूरजपुर की घटना ताजा उदाहरण !


▶️स्वास्थ्य कर्मियों को अपमानित करने वाले अधिकारी के आगे शासन प्रशासन नतमस्तक
छुरिया ! DNnews- छत्तीसगढ़ मे जब से कांग्रेस की सरकार बनी है. अफसरशाही हावी है. प्रदेश मे लम्बे समय से कुछ बड़े अधिकारी कर्मचारी का राज हो गया है. इन्हें सरकार के योजनाओं व छवि से कोई मतलब नही है पद के रौब के वजह से ऐसे अधिकारी अपने पद की गरीमा भी भूल चुके हैं, सत्ता सरकार की छवि खराब होने से इन्हें कोई परवाह नही है आज प्रदेश के मुखिया ने ऐसे अधिकारी पर तत्काल कार्यवाही कर प्रदेश के लोगों को ही नहीं अधिकारियों कर्मचारियों को अपने जद में रहने एक अच्छा संदेश दिया हैl सूरजपुर के कलेक्टर द्वारा एक युवक के साथ अमानवीय कृत्य प्रदेश मे अफसरशाही हावी है इसका एक ताजा उदाहरण है प्रदेश का राजनांदगांव जिले यहाँ पर वर्तमान मे अफसरशाही बेलगाम है. कुछ अधिकारी कर्मचारी एक लॉबी बनाकर एक दूसरे के भ्रष्टाचार व अमानवीय कृत्य को दबाने का खेल खेल रहे है निष्पक्ष कार्य करने का ऐसे लोगों से उम्मीद नहीं किया जा सकता है ऐसे अधिकारी को सत्ता सरकार के लोगों का संरक्षण प्राप्त है हाल ही मे उक्त आधिकारी का सामुदायिक केंद्र में पहुंच कर डॉक्टरों को अपमानित कर मुलायजा कराने के घटना में स्थानीय जनप्रतिनिधियो का मौन साधना उक्त अधिकारी के कृत्य के लिए जांच का निर्देश भी ना देना उनके आगे बौने साबित हो रहे है! हाल ही मे डोगरगाँव के एक जवाबदार पद मे बैठे हुए अधिकारी जो डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों का गलत तरीके से व्यवहार कर उन्हें अपमानित करने मे कोई कसर नही छोड़ा जो उनके पद की गरीमा के विपरीत था इस घटना का क्षेत्र के प्रबुद्धजनों ने जमकर निन्दा की है वहीं स्वास्थ्य कर्मियों मे जमकर आक्रोश एवं जिसे दबाने का भी प्रयास किया जा रहा है आम चर्चा है,स्थानीय जनप्रतिनिधी इस मामले पर मौन साधने के बजाए जाँच करवा कर दोषी पर कार्यवाही करवाते तो जनता के बीच एक अच्छा संदेश जाता. पर स्थानीय जनप्रतिनिधि सगंठन के लोग खुद आश्रय देकर आगे पीछे होगे तो कौन अधिकारी ऐसे जनप्रतिनिधि से दबेगा ।प्रदेश के मुखिया ने सुरजपुर कलेक्टर पर कार्यवाही करने मे एक मिनट भी देर नहीं किया, जो एक अच्छा प्रशासनिक कसावट का संदेश है उनके पदचिन्हों पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अनुसरण करना चाहिए. अधिकारी तो आते जाते रहते है जनप्रतिनिधियो को जनता के बीच ही रहना है इस बात का उन्हें ख्याल रखना चाहिए।
▶️जिला प्रशासन ने अब तक इस घटना पर नही दिया जाँच आदेश
डोगरगांव एसडीएम द्वारा डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों का समुदयिक केन्द्र मे पहुंच कर डाक्टरी मुलायजा कराने के मामले पर अब तक जिला प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नही जनता के बीच शासन प्रसाासन का इस मामले पर उक्त अधिकारी के मामले पर जाँच का आदेश नही करना कई प्रश्न खड़ा कर रहा है जनता के बीच जिला प्रशासन का अच्छा सन्देश नही जा रहा है । एक जवाबदार अधिकारी अचानक शाम मे अस्पताल मे दबीस देते है क्या उन्हें कोरोना महामारी के समय इन्हें अस्पतालों मे जब मरीज परेशान थे तब इन्हें साफ सफाई व निरीक्षण का ध्यान नही आया था. अब जब इस मामले पर वे फंसते नजर आ रहे है तब मुलायजा मामले को दरकिनार कर साफ सफाई का निरीक्षण का हवाला देने की बात किया जा रहा है क्षेत्र के वरीष्ठ कांग्रस जनो ने वरिष्ठ स्थानीय विधायक व उच्च अधिकारी से मांग की है ऐसे अधिकारी जो लगातार विवादों मे रहे है इनके वजह से सासन प्रशासन की छवि धूमिल हो रहा है त्तकाल कार्यवाही की मांग की है।
21 मई को प्रकाशित खबर
22 मई को प्रकाशित खबर