
Dileep shukla salhewara .
राजनांदगांव साल्हेवारा ! DNnews- 14 सिंतबर को दिवस के रुप में मनाया जाता है. यह दिन भारत के इतिहास को दोहराता है आज की इस परिवेश में जहां अंग्रेजी भाषा की आधुनिकता की चकाचौंध को मात देती हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है हमें गर्व है अपनी मातृभूमि भारत पर जो एकता में अनेकता की पाठ पढ़ाती है. हर हिन्दुस्तानी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है अपने राष्ट्र की भाषा को लेकर सरल सहज जाति धर्म से हटकर हम सबका भाषा हिन्दी है. चाहे किसी भी राज्य की सरकार हो चाहे किसी भी जाति धर्म संप्रदाय विशेष का क्यों न हो पर हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा का महत्व सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है. जो सभी वर्ग के लोग हिंदी साहित्य जगत में पीएचडी की कोर्स कर डांक्टर की उपाधी प्राप्त कर सकता है.कई कवियों ने हिंदी साहित्य का इतिहास लिखा है जो हमारे भारतीय संस्कृति संस्कार पर प्रकाश डालती है. जिससे हमारे दैनिक जीवन पर आधारित दिनचर्या को आसान बनाने में मदद मिलती है.
हमें गर्व होना चाहिए की हम भारतीय संस्कृति में गांवों से लेकर शहर तक राष्ट्रीय भाषा हिन्दी का प्रयोग करतें है भारत हमारी माता है हिंदी हमारी भाषा है हम हिंदुस्तानी हैं. हिंदु हमारा धर्म है हम अपने देशवासियों से आपस में प्रेम सौहार्द पुर्ण ब्यवहार करते हुए हिंदी साहित्य के इतिहास को जानने का प्रयास करें. क्योंकि इससे भारतीय लोगों को हिन्दी की महत्ता को स्वीकार कर अपने मातृभूमि भारत मां का सिर उंचा करना चाहिए.