
▶️शिक्षा के बाजारीकरण पर लगाम लगाई जाये
खैरागढ़ ! DNnews-कोरोना काल के दौरान लोकडाउन किये जाने का असर अब दिखने लगा है. कही बेरोजगारी बढ़ रही है तो कही भविष्य की चिंता सताने लगी है.
समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिलने पर आम आदमी पार्टी ने इन मुद्दों पर चिंता जताई है ,खासकर शिक्षा व शिक्षकों के भविष्य को लेकर नीलेश यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जिस प्रकार लगभग 450 स्कूले पूर्णतः बंद कर दी गई है एवं लगभग 150 बन्द होने की कगार पर है. ये बेहद ही चिंता का विषय है इसमें सरकार को पहल करते हुए कोई उचित व्यवस्था बनाने हेतु रणनीति बनानी होगी जिससे इन स्कूलों में पढ़ रहे लगभग 50 हजार बच्चों के भविष्य की पढ़ाई सुचारु रूप से जारी रहे व उनके किसी अन्य स्कूलों में दाखिले हेतु भटकना न पड़े जिसकी व्यवस्था सरकार को बनानी होगी. साथ ही इन स्कूलों के लगभग 20 हजार कर्मचारियों के रोजगार की व्यवस्था पर सरकार को काम करना चाहिए. शिक्षको पर उन्होंने एक सुझाव देते हुए कहा कि सरकार द्वारा इंग्लिश मीडियम स्कूल जो खोले गए है उन स्कूलों में इन कर्मचारियों के साक्षात्कार कर योग्यता के आधार पर नौकरी दी जानी चाहिए.
यादव ने कहा कि भविष्य में स्कूल के बाजारीकरण पर लगाम लगाने की जरूरत है जिस प्रकार आज प्राइवेट स्कूल बंद हो रहे है एवं उन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक को दूसरे स्कूलों में दाखिले के दौरान लगने वाले जरूरी दश्तावेजो की खातिर भटकना पड़ रहा है इससे ये साबित होता है कि इन स्कूलों का उद्देश्य केवल पैसे कमाना था बच्चों के भविष्य से इनका कोई सरोकार नही था यदि इन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता होती तो स्कूल बंद करने से पहले उन बच्चों के दश्तावेज का बंदोबस्त करने के पश्चात बंद करते. राज्य सरकार से अपील की है कि आने वाले वक्त में किसी भी प्राइवेट संस्था को स्कूल खोलने की अनुमति न दी जाए ,इससे शिक्षा का बाजारीकरण होने से बचा जा सके.