

राजनांदगांव ! DNnews-15 वर्षों के लंबे वनवास के बाद कांग्रेस के हाथों बहुमत की सरकार हाथ लगी है. कांग्रेस के निष्ठावान लोगों ने पंजे से कमल को मसल दिया यह अलग बात है की मां लक्ष्मी पर चढ़ने वाला कमल की पंखुड़ियों को छत्तीसगढ़ के कांग्रेस के कद्दावर नेताओं ने अपने पास रख उसे अपनी तिजोरी भरने का संकेत मान लिया. और 15 साल भाजपा के गोद में बैठ कर नदियों की छाती चीरकर अंधाधुन रेत गिट्टी का काम करने वाले ऐसे गोद पुत्रों को अपना करीबी बनाकर अपने धनकुबेर को बढ़ाने का साधन बना लिए हैं. और इन भाजपा के गोद पुत्रों को फिर से करोड़ों करोड़ों का काम देकर कवर्धा से लेकर बस्तर तक का रास्ता दिखा दिया गया और फिर से उन व्यापारियों को लगा ही नहीं कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बदल गई है उन्हें तो कांग्रेस पार्टी की सरकार भी भाजपा जैसे ही लगने लगी है.
छत्तीसगढ़ मे आज लगभग ढाई वर्ष हो गया प्रदेश मे कांग्रेंस की सरकार बने आम कांग्रेसी हर चौक चौराहे मे ये कहते हुए सुना जा सकता कि वर्तमान मे हम जिस हाल मे है इससे बेहतर तो भाजपा शासनकाल मे ठीक थे कोई सुनने वाला तो था,आज प्रदेश मे सरकार और एक बेहतर मुख्यमंत्री तो है पर उनके काबिना के लोग को बेहतर होना पड़ेगा.
राजनांदगांव जिला जो राजनीति के क्षेत्र मे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्यों कि यहाँ भाजपा के प्रदेश के तीन बार के मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र है व उनके पुत्र यहां से पूर्व मे सांसद रहे चुके है, वर्तमान मे यहाँ सत्ता के नशे मे मस्त कांग्रेस के विधायक मंत्री नेता जो अपना पराया सब भूल गए है हाल ये है प्रदेश के दो कद्दावर मंत्रीयो के बारे मे आम चर्चा है इस समय राजनांदगांव जिला के दो विपक्ष के ठेकेदारों जिसमे से एक को पूर्व मुख्यमंत्री का गोद पुत्र कहा जाता है उन्हें खनिज का सबसे बड़ा ठेका देकर नवाजा जा रहा है, .
◆मंत्री विधायक भूल गए बड़े नेताओं के सधर्ष को
कांग्रेस की सरकार जिस फार्मूले से भूपेश बधेल , टी एस सिहदेव, चरण दास महंत, ताम्रध्वज साहू, मोहन मरकाम और कांग्रेस पार्टी के वो कार्यकर्त्ता जिन्होंने खाबों लाठी जाबो जेल हमर नेता भुपेश बघेल के नारों और लाठी खा कर मेहनत करके प्रदेश मे कांंग्रेस की सरकार बनाया हैं, वर्तमान मे प्रदेश सरकार के कुछ नेता व मंत्री, विधायक यह भूल चुके है की आज कांग्रेस के अन्दर अंतर्कलह इस हद तक बड़़ता चला जा रहा जो सिर्फ निगम मंडलों में पद बांट कर सब कुछ ठीक नही किया जा सकता, हाल ही मे एक विधायक ने प्रदेश के सबसे कद्दावर मंत्री के ऊपर जिस तरीके से बेबुनियाद आरोप लगाकर सरकार की फजीहत कराया है वह आने वाले ढाई साल मे सरकार के लिए राजनीतिक संकट का कारण बन सकता हैl अब भी वक्त है भाजपा के चहेतों को अगर कांग्रेस के कद्दावर लोगों ने अपना फायदा देना बंद नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं जब जमीन से जुड़े कांग्रेसी इस बात से नाराज होकर सरकार की वापसी पर विराम लगाएंगे और भारी बहुमत से आई हुई कांग्रेस सरकार सिर्फ तब सांप जाने के बाद लाठी पीटने जैसी स्थिति का सामना कर कोसती रहेगी, ”कहीं से भी आने दो” का फार्मूला सरकार की योजना पर पलीता लगाने के लिए काफी है हर क्षेत्र के नेता आखिर क्या कारण है कि सिर्फ आने दो कहीं से भी की तर्ज पर काम कर रहे हैं, देखना यह होगा कि संगठन और सत्ता का तालमेल बेहतर कैसे हो पाता है जिससे अनुशासन की रस्सी को कोई भी ढीला कर पाने में सौ बार सोचे, जब तक यह सोच पैदा नहीं होगी तब तक दूसरी पारी का महज सपना न रह जाए।