प्रदेश के किसानों को राजस्व विभाग के पटवारी आर आई के पीछे चक्कर लगाने से कब मिलेगा मुक्ति ? : सत्ता सरकार बदलने के बाद भी नहीं सुधरा सिस्टम
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Akil merman chhuriya
छुरिया ! DNnews-प्रदेश मे जो भी सरकार आती है सब चुनाव के दरमियान किसानों को अनेक वादे कर्ज माफी महलाओं को प्रति माह इतना लाभ मतदान के समय विभिन्न तरीका से प्रभावित कर सरकार तो बना लेते है किसान भी समझ नहीं पाते चंद पैसों व सुविधाओं के लालच मे आकर अपना फैसला कर व्यवस्था ऐसे हाथो मे दे जाते जो भ्रष्ट अफसरशाही पर लगाम कसना छोड़ उन्हें गरीब मजदूर किसानों को पाँच वर्ष तक लाखो लूटने का मानो छूट दे दिया हो. नेता दावा करता है हम किसानों को अनेक सुविधाए देगे मगर जमीनी स्तर पर हकीकत व सच्चाई कुछ और है जो बड़ा दुखदाई है छुरिया तहसील मे प्रत्येक पटवारियों को प्रत्येक अलग-अलग हल्का कुछ ग्रामों के हिसाब से बाट दिया गया है. किसानों को उनके हल्के के पटवारी से कोई भी कार्य कराना है तो समंबधित हल्के के पटवारी के पास इनका कोई कार्यालय नहीं है , इस मामले पर जानकारी है पटवारियों का हर कार्य आनलाईन हो गया चूकि ग्रामीण क्षेत्र में नेट व सरवर का समस्या बताया जाता है
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ब्लाक मुख्यालय मे पटवारी निज निवास मे कर रहे किसानों के कार्य पर मनमानी
सूत्रो से जानकारी है उच्च अधिकारीयो ने इन्हें किसानों का कार्य निपटाने ब्लाक मुख्यालय मे अपने स्वयं के व्यवस्था से निजी निवास पर कार्यालय खोलकर राजस्व का कार्य करने आदेश दिया गया है. अब सवाल ये उठता है कोई सरकारी कर्मचारी अपने वेतन के पैसे से निजी निवास पर कार्य क्यों करेगा वर्तमान में अगर ऐसा कर रहा है तो उक्त मकान का किराया व अन्य बाहरी निजी कर्मचारी जो इनके द्वारा अपने सुविधा के लिए होते है उनका खर्च आखिर कहा से निकाला जाता है बताने की जरूरत नहीं है सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि राजस्व विभाग के इन पटवारियों के कार्यालयीन समय व उनके कार्य करने का समय सरकारी नियम का देख रेख कौन और कैसे होगा इस अव्यवस्था का जवाबदार कौन होगा।
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छुरिया क्षेत्र के किसान धूप व भीषण गर्मी मे पुराने व नए तहसील कार्यालय मे चक्कर लगाने बेबस
छुरिया ग्रामीण क्षेत्र के किसान के बारे मे खबर है वे पहले जनपद कार्यालय के पास तहसील मुख्यालय था तब सारे कार्य एक जगह होता था वर्तमान मे तहसीलकार्यालय नगर से एक किमी दूर कर दिया गया है अर्जी नवीस व आर आई पुराने तहसील कार्यालय के पास है ऐसे हालात मे किसानों को भीषण धूप व गर्मी मे आवेदन बनवाने पुराने कार्यलय व कार्य कराने एक किमी पैदल जाना पड़ता है इस समस्या पर किसी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को न ही सरकारी अमला कोई लेना देना नहीं उसके बाद किसानों को पटवारियों के निजी निवास मे चक्कर लगवाना आखिर कब और कौन सी सरकार इस लचर व्यवस्था को ठीक कर किसानों पर मेहरबानी करेगी
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किसान पटवारियों के निजी निवास पर चक्कर लगाने मजबूर
किसान जब अपने जमीन का सीमांकन,बटाकन, फौवती, जैसे कार्य के लिए जब तहसील कार्यालय व पटवारियों के पास जाना होता है तब बताते है बेबस मजबूर किसानो को कुछ बेलगाम राजस्व अमला के मनमानी का शिकार होना पड़ता है एसी कारो मे घुमने वाले पटवारियों का निजी निवास पर आने जाने का कोई समय निर्धारित नहीं होता सूदूर ग्रामीण क्षेत्र से अपने कार्य को लेकर ब्लाक मुख्यालय पहुंचने पर खबर है उन्हें पटवारियों द्वारा जब उन्हें उनके कार्यो पर अनेक कमिया निकाल कर फाईल किनारे कर कार्य करने मना कर देते है तब मजबूर किसान बारबार चक्कर काटना न पड़े राजस्व अमला के कर्मचारियों के सामने हाथ जोड़कर बिनती करता है तब इनके कार्यालय मे अवैध तरीक़े से रखे गए दलाल बीच मे बिचौलिया कर उक्त किसान से मोटी रकम लेकर उनके कार्यों को निपटाने का खेल आम बात है.
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किसानों के कार्यों के लिए ब्लाक मुख्यालय मे क्या एक भवन नही दे सकते
शासन प्रशासन राजस्व विभाग के कार्यों के लिए ब्लाक मुख्यालय मे समस्त पटवारी जिनका अलग अलग हल्के का नेट टावर सरवर सहित सर्व सुविधायुक्त आफिस निमार्ण क्यों नहीं कराते क्या शासन प्रशासन नहीं चाहता गरीब किसानों को उनके कार्यों के नाम से शोषण या लूट बंद न हो ऐसे अनेक सवाल है जो आम लोगों के मन में है.
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