भारत के 22 पूंजीपतियों के पास समान धन : दस साल के मोदीराज में असमानता ने अंग्रेजों का रिकार्ड तोड़ा- विप्लव साहू
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खैरागढ़ ! DNnews -70 करोड़ लोगों के पास जितनी दौलत है, उतनी दौलत भारत के 22 पूंजीपतियों के पास है। अमीरी की बढ़ती असमानता पर नजर डालते हुए देश में चर्चा चल रही है।
सरकार की नीतियों पर सवाल: भाजपा सरकार की नीतियां अमीरों को बढ़ावा देने और असमानता को बढ़ाने का आरोप लगाया जा रहा है। लोन माफी, निजीकरण, और उद्यमियों के खिलाफ निर्णयों की मिल रही आलोचना है।
भ्रमवाद का खतरा: मोदी जी को भ्रमवाद के जनक के रूप में देखा जा रहा है, जो आरामदायक भावनाओं को लेकर लोगों में भ्रम और प्रोपेगेंडा फैलाते हैं। इससे लोकतंत्रिक मूल्यों पर सवाल उठ रहे हैं।
जनता को सत्ता से उतारने की मांग: सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए, लोगों में सरकार को सत्ता से उतारने की मांग हो रही है। उन्हें अपनी आवाज का इस्तेमाल करके सरकार को जवाब देने की जरूरत महसूस हो रही है।
भारत के सामाजिक और आर्थिक संरचना में हो रहे बदलाव को लेकर लोगों की चिंता और उनकी आवाज उठने के संकेत सामाजिक और राजनीतिक पहलूओं में रुचि का केंद्र बन रहे हैं।