सोसायटी से मिलने वाला कृषक लोन दो पार्ट में देने की चर्चा जोरों पर : इधर किसानो ने एक ही किश्त में लोन देने......
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खैरागढ़ ! DNnews सेवा सहकारी समिति द्वारा किसानो को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के माध्यम से मिलने वाले कृषक लोन को अब अलग-अलग सीजन में देने की चर्चा से किसानो में नाराजगी देखने को मिल रहा है. लम्बे समय से अविभाजित राजनांदगॉव जिला में रवि फसल एवं खरीफ फसल का कृषक ऋण किसानो को खरीफ फसल के दौरान एकमुश्त दिया जाता था. लेकिन अभी कुछ दिनों से किसानो को एक ही सीजन का लोन मिलने की चर्चा जोरो पर है.
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किसान बताते है की लम्बे समय से हम सोसायटी के माध्यम से लोन ले रहे है. वही समय अवधि पर लोन को बाकायदा पटा भी रहे है. लेकिन प्रशासन द्वारा नए आदेश आने की चर्चा से किसानो को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. जानकारी के मुताबिक किसानो को प्रति एकड़ रवि एवं खरीफ फसल मिलाकर 25 हजार का लिमिट है. जहा अब प्रति एकड़ एक सीजन के हिसाब से लोन देने की चर्चा चल रही है। जिससे किसान काफी परेशान नजर आ रहे है.
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जब से सरकार किसानो को बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध करा रही है. तब से किसान सम्बल हुए है. यही ऋण के बदौलत किसानो को साहूकारी से छुटकारा मिला है.यानि किसान पहले से बेहतर हो गए है.इसी ऋण के बदौलत ही किसान अपना काश्तकारी में सफल हो रहे है. अब प्रबंधन के तरफ अचानक नया आदेश आने से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरे आना शुरू हो गया है. अब फिर किसानो को आखिर साहुकार का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा, एक साथ ऋण मिलने से किसान अच्छे ढंग से खेती बड़ी कर लेते थे, वही कृषि यंत्र खरीदी, मकान निर्माण, शादी ब्याह जैसे कार्यक्रमों को भी सफलता पूर्वक कर लेते थे,
खबर ये है कि सेवा सहकारी समिति के प्राधिकृत अधिकारियो के द्वारा समिति प्रबंधको को आदेश जारी किया गया है कि रबी फसल और खरीफ फसल का अलग-अलग ऋण किसानो को देना है. वही अब तक आधा से ज्यादा किसानो को ऋण मिला ही नहीं है. जबकि चुनाव के ठीक पहले कई किसानो को पुराना नियम के तहत लोन दे दिया गया है.
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बतादे की बिना ब्याज के किसानो को मिलने वाला ऋण में सरकार 10 प्रतिशत अनुदान ब्याज के रूप में सोसायटी को देता है. पूर्व के भांति अगर किसानो को एकमुश्त ऋण नहीं मिला तो किसान प्रशासन के खिलाफ लामबंद हो जायेंगे। किसानो ने जल्द ही एक ही किश्त में लोन देने की बात कही हप्राधिकृत अधिकारी के द्वारा एकमुश्त फायनेश में हस्ताक्षर नहीं किया गया है. और रबी फसल व खरीफ फसल के लिए अलग-अलग ऋण देने का निर्देश दिया गया है.
नोहर वर्मा पर्यवेक्षक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बाजार अतरिया
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