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शिक्षा

किशोरावस्था में Education का संकट: एक नई दिशा की आवश्यकता : "किशोरों की मानसिकता,Education या Sex, क्या है प्राथमिकता?"

Dinesh Sahu

03-10-2024 03:53 PM
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एक महत्वपूर्ण विषय

युवावस्था Puberty, जिसे किशोरावस्था भी कहा जाता है, जीवन का एक ऐसा चरण है जिसमें बच्चे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से तेजी से बदलते हैं। इस अवधि में, खासकर high school के छात्रों में, पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी में कमी आना एक सामान्य प्रवृत्ति देखी जा रही है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, और उनमें से एक महत्वपूर्ण कारण है Sexुअल मुद्दों की ओर आकर्षण। आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें और देखें कि इसे कैसे सुधारा जा सकता है ताकि समाज में एक सकारात्मक संदेश फैला सके।

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1. Puberty का मनोविज्ञान

किशोरावस्था में बच्चे अपने पहचान की खोज करते हैं। इस उम्र में शारीरिक Change और हार्मोनल बदलाव के चलते वे विभिन्न भावनाओं का सामना करते हैं। ये बदलाव उन्हें अपनी पहचान बनाने, सामाजिक संबंध बनाने और आत्म-सम्मान की खोज करने के लिए प्रेरित करते हैं। इस दौरान, उनका ध्यान पढ़ाई से हटकर दूसरी चीजों की ओर आकर्षित हो जाता है, जिसमें रोमांच, दोस्ती और Sexुअल रिश्ते शामिल हैं।

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2. समाज और मीडिया का प्रभाव

आधुनिक समाज और मीडिया ने युवा मन पर गहरा प्रभाव डाला है। टीवी शो, फिल्में, सोशल मीडिया, और विज्ञापन सब कुछ इस तरह से पेश करते हैं कि Sex और रोमांस जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पहलू हैं। परिणामस्वरूप, युवा मानसिकता में यह धारणाएँ जड़ें जमा लेती हैं कि Education केवल एक विकल्प है, जबकि रोमांस और सामाजिक संबंध प्राथमिकता बन जाते हैं।

3. Education की कमी

अक्सर युवा पीढ़ी को इस बारे में सही जानकारी नहीं मिलती कि Education क्यों महत्वपूर्ण है। कई बार, Education को केवल एक माध्यम के रूप में देखा जाता है, जिससे वे अच्छे अंक प्राप्त कर सकें या किसी नौकरी के लिए पात्र बन सकें। इस दृष्टिकोण के कारण, बच्चे वास्तविक ज्ञान और कौशल की खोज में रुचि नहीं दिखाते। उन्हें यह नहीं समझ आता कि Education का मूल उद्देश्य केवल परीक्षा पास करना नहीं, बल्कि एक समृद्ध और सफल जीवन जीना भी है।

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4. आत्म-सम्मान और सामाजिक दबाव

किशोर अक्सर अपने समकक्षों के दबाव में आ जाते हैं। यदि उनके मित्र पढ़ाई में रुचि नहीं रखते हैं, तो वे भी उसी दिशा में चलने लगते हैं। इसके अलावा, यौन संबंधों की चर्चाएँ और रोमांस के अनुभवों को साझा करने से उन्हें लगता है कि वे सामाजिक रूप से स्वीकार्य हैं। इससे उनकी पढ़ाई की ओर ध्यान कम हो जाता है।

5. समाधान और निदान

समाज में इस स्थिति को सुधारने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:

a. Education का पुनर्निर्माण

विद्यालयों में Education के तरीके को सुधारने की आवश्यकता है। शिक्षकों को केवल पाठ्यक्रम के विषयों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, छात्रों को वास्तविक जीवन में Education के महत्व को समझाने पर जोर देना चाहिए। उन्हें यह बताया जाना चाहिए कि कैसे Education उनके भविष्य के निर्णयों और करियर में मददगार हो सकती है।

b. जीवन कौशल Education

किशोरों को जीवन कौशल सिखाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें आत्म-सम्मान, निर्णय लेने की क्षमता, और संबंध प्रबंधन जैसे पहलू शामिल हैं। इससे युवा अपनी भावनाओं को समझने और उन्हें नियंत्रित करने में सक्षम होंगे, जिससे उनकी पढ़ाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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c. खुला संवाद

परिवार और विद्यालय में खुला संवाद होना चाहिए। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों से बात करें, उनकी समस्याओं को समझें, और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करें। जब बच्चे अपने विचारों और भावनाओं को साझा कर सकते हैं, तो वे बेहतर तरीके से समझते हैं कि Education का महत्व क्या है।

d. मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन

किशोरों की मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है। स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की नियुक्ति की जानी चाहिए, ताकि बच्चे अपनी चिंताओं और दबावों के बारे में खुलकर बात कर सकें। इससे वे अपने अध्ययन में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।

e. सकारात्मक रोल मॉडल

बच्चों के लिए सकारात्मक रोल मॉडल की उपस्थिति आवश्यक है। यदि युवा व्यक्तित्व ऐसे शिक्षकों, माता-पिता, और सार्वजनिक व्यक्तियों को देखते हैं जो Education के प्रति समर्पित हैं, तो वे भी प्रेरित होंगे। समाज में ऐसे व्यक्तियों की कहानियाँ साझा करना एक बड़ा कदम हो सकता है।

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6. निष्कर्ष

युवा अवस्था एक जटिल चरण है, जिसमें Education और सामाजिक मुद्दों के प्रति रुचि में बदलाव आना सामान्य है। हालांकि, इसके समाधान के लिए हमें मिलकर प्रयास करने होंगे। Education के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने, खुला संवाद स्थापित करने, और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने से हम युवाओं को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। यह समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जिससे न केवल युवा पीढ़ी का विकास होगा, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव आएंगे।

यह केवल एक विचारधारा नहीं है, बल्कि एक आवश्यकता है कि हम सभी मिलकर अपने युवाओं को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करें, ताकि वे अपनी Education को गंभीरता से लें और अपने भविष्य को सशक्त बना सकें।

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Dinesh Sahu

Comments (1)

BHAGWATI PRASAD SINHA

BHAGWATI PRASAD SINHA

सकारात्म सोच,आज के दौर में बहुत जरूरी है ये चीजें भाई साहब

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