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खैरागढ़

खैरागढ़ में तानसेन संगीत समारोह 2024 का भव्य आयोजन : विश्वप्रसिद्ध तानसेन संगीत समारोह के शताब्दी वर्ष के तहत हुआ आयोजन

Dinesh Sahu

27-11-2024 06:00 PM
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खैरागढ़ – मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग एवं इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के संयुक्त तत्वावधान में तानसेन संगीत समारोह 2024 का आयोजन मंगलवार, 26 नवंबर को किया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के परिसर क्र. 02 स्थित नरेन्द्रदेव प्रेक्षागृह में हुआ।

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मुख्य अतिथि एवं उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:

श्री प्रेम कुमार पटेल – कुलसचिव, इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़प्रो,. डॉ. नमन दत्त – अधिष्ठाता, संगीत संकायपं,. मुकुंद भाले – भूतपूर्व प्रोफेसर एवं मूर्धन्य तबला वादकश्री, संजय मिश्रा – मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग के प्रतिनिधिवि,श्वविद्यालय के अधिष्ठातागण एवं प्राध्यापकगण

कार्यक्रम का शुभारंभ:

संध्याकालीन संगीत कार्यक्रम के पूर्व 12 बजे तानसेन पर केंद्रित एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में प्रो. नमन दत्त, श्री विवेक नवरे, डाॅ. हरिओम हरि, और डाॅ. लिकेश्वर वर्मा विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे।

म्यूजिक कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुतियां:

शाम 6 बजे से विश्वप्रसिद्ध मूर्धन्य कलाकारों द्वारा गायन, सितार वादन एवं सरोद वादन की प्रस्तुतियां दी गई।

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दीप प्रज्जवलन:

सर्वप्रथम, उपस्थित अतिथियों ने माँ सरस्वती की कांस्य प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

सितार वादन:

पं. अरुण मोरोने और आयुष मोरोने (इंदौर) द्वारा सितार वादन की प्रस्तुति दी गई। तबला संगत पं. अरविंद आजाद (पुणे) ने की। सितार वादन में राग झिंझोटी की नयनाभिराम प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विशेष रूप से पं. अरविंद आजाद के तबला वादन ने खूब तालियां बटोरी।

गायन प्रस्तुति:

इसके बाद, पं. भुवनेश कोमकली (देवास) ने गायन की प्रस्तुति दी। इस दौरान रामेन्द्र सिंह सोलंकी (भोपाल) ने तबला पर, और श्रीकांत पीसे (नागपुर) ने हारमोनियम पर संगत की। साथ ही, वर्षिता वंशावली और रोहिणी साहू ने तानपुरा पर संगत की।

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सरोद वादन:

अंतिम प्रस्तुति में, पं. जयदीप घोष (कोलकाता) ने सरोद वादन की प्रस्तुति दी। तबला संगत पार्थ सारथी मुखर्जी (भिलाई) ने की। इस प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा।

कार्यक्रम का संचालन और संयोजन:

कार्यक्रम का संचालन डॉ. लिकेश्वर वर्मा और श्री जगदेव नेताम ने किया।

संपूर्ण कार्यक्रम का संयोजन डॉ. लिकेश्वर वर्मा ने किया।

यह समारोह तानसेन संगीत के प्रति श्रद्धा और उसकी धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जो संगीत प्रेमियों और कलाकारों के लिए अविस्मरणीय अनुभव बना।

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Dinesh Sahu

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