Latest News
राजनीति
सटीक विश्लेषण : मौजूदा कांग्रेस विधायक खैरागढ़ व डोंगरगढ़ विधानसभा में आखिर क्यों हार गए EX CM बघेल ?
Dinesh Sahu
05-06-2024 01:37 PM
903
खैरागढ़ को कई बड़ी सौगात दिए है बघेल,डोंगरगढ़ रहे प्यारा विधानसभा
खैरागढ़ ! DNnews - राजनांदगॉव लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मिली करारी हार के पीछे खैरागढ़ विधानसभा में कांग्रेस के बड़े नेताओ का जमीनी स्तर पर ठीक से काम नहीं करने का आरोप लग रहा है.आरोप यह भी लग रहा है कि ज्यादातर कांग्रेस के बड़े नेता भूपेश बघेल के साथ फोटो खींचकर शोसल मिडिया में पोस्ट करते नजर आये है जो केवल शोसल मिडिया प्लेटफार्म तक दिखाई दिया जबकि जमीन पर नजर ही नहीं आया. ऐसे कइयों कांग्रेस नेता है जो एक तो भाजपा से सम्बन्ध बनाने में लगे हुए थे, वही कांग्रेस से टूटने का डर भी था,
ADS
मैनेजमेंट में रहे पीछे
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि खैरागढ़ कांग्रेस के विधायक सहित कांग्रेस के चिरपरिचित चेहरा जो मैनेजमेंट में काफी पीछे रहे. विधानसभा के बूथ लेबल में जो मैनेजमेंट होना था वो नहीं के बराबर रहा. यह बात कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने नाम नहीं छापने की शर्त पर खुलकर कही है. जिस विधायक को बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खैरागढ़ में डेरा डाल रखे थे वही विधायक के गढ़ खैरागढ़ में भूपेश बघेल को हार का मुँह देखना पड़ा. यही नहीं खैरागढ़ जिला निर्माण के बाद यहाँ इस चुनाव में मिडिया मैनेजमेंट नाम का कोई चीज ही दिखाई नहीं दिया, शायद भूपेश बघेल को इस बात का पता है या नहीं लेकिन यहाँ चुनाव प्रभारी सहित,विधायक, जिला व ब्लाक अध्यक्ष व स्थानीय नेता के द्वारा मिडिया मैनेजमेंट को लेकर किसी तरह का कोई पहल नहीं किया गया. यह भी हार का एक कारण हो सकता है.
ADS
बघेल का सबसे ज्यादा दौरा खैरागढ़ में
राजनांदगॉव लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत भूपेश बघेल अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान यदि सबसे जाया दौरा किया होगा तो वह खैरागढ़ विधानसभा में किया है। खैरागढ़ उपचुनाव में एक समय ऐसा था की यहाँ शहर में पैर रखने का जगह भी नहीं था. यही नहीं वीआईपी नेताओ को ठहरने के लिए भाड़े पर कमरा भी नहीं मिल रहा था, ऐसे विषम परिश्थिति में कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी को विजयी दिलाया था.
ADS
अति आत्मविश्वास ले डूबा
3 दिसंबर 2024 को जब विधानसभा चुनाव का परिणाम आया तो वह चौकाने वाला था,कांग्रेस छत्तीगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर अतिआत्मविश्वास में था. और अतिआत्मविश्वास ने कांग्रेस को ले डूबा.खैरागढ़ विधान सभा चुनाव में कांग्रेस विधायक यशोदा वर्मा ने निकटतम प्रतिद्वंदी विक्रांत सिंह को 5634 वोटो से करारी शिकस्त दी थी लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उससे ज्यादा वोटो से हार गई. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के भूपेश बघेल खैरागढ़ विधान सभा क्षेत्र से कुल 79757 वोट पाए जबकि भाजपा के संतोष पांडेय 85716 वोट पाए जिसमे संतोष पांडेय ने 5959 वोटो से जित दर्ज की है. भूपेश बघेल खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हारने की बात सोचे भी नहीं रहे होंगे,लेकिन क्या देखना पड़ा यह सब कांग्रेस के समीक्षा बैठक में ही सामने निकलकर आ पाएगा कि आखिर गलती कहा और कैसे हुई है.
ADS
यही हाल डोंगरगढ़ का
इसी प्रकार डोंगरगढ़ विधानसभा में भी कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा, दरअसल डोंगरगढ़ कांग्रेस विधायक हर्षिता स्वामी बघेल पर भूपेश बघेल को पूर्ण विश्वास था की यहाँ से बढ़त मिलेगी। लेकिन यहाँ के विधायक के निष्क्रियता के वजह से भूपेश बघेल को हार का सामना करना पड़ा. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हर्षिता स्वामी बघेल को 89145 वोट मिले थे वही भाजपा प्रत्याशी विनोद खांडेकर को 74778 वोट मिले थे जिसमे हर्षिता स्वामी बघेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी विनोद खांडेकर को 14367 वोटो के अंतर से चुनाव हराया था. लेकिन लोकसभा चुनाव में विधायक अपने ही विधानसभा में अपने सीनियर नेता भूपेश बघेल को जीता नहीं पाई इससे बड़ी दुर्भाग्य और क्या हो सकता है.लोकसभा चुनाव में डोंगरगढ़ विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 75003 मिले, जबकि भाजपा के संतोष पांडेय को 85961 वोट मिले। जिसमे जीत का अंतर 10958 वोट रहा.
ADS
विधानसभा के बजाय लोकसभा में फिसड्डी
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस विधायक अपने चुनाव के दौरान जीतोड़ मेहनत तो किया।लेकिन लोकसभा चुनाव में इनका भी मैनेजमेंट का पूरा लोचा रहा. यहाँ के कांग्रेस कार्यकर्ताओ की नाराजगी आसानी से देखी जा सकती है.इस विधानसभा में लोकसभा चुनाव को लेकर विधायक सहित बड़े नेताओ को ओवर कॉन्फिडेंस ले डूबा। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस विधायक बनने के बाद ये कयास लगाया जा रहा था कि विधानसभा चुनाव के तर्ज पर लोकसभा का चुनाव आसानी से निकल जायेगा लेकिन दोनों ही विधानसभा के लीडर फैलवर साबित हुए.जबकि विधानसभा के कमजोर भाजपा लोकसभा में मजबूती के साथ जीत हासिल की है.
ADS
Comments (1)
Ashish Parakh
खैरागढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के परंपरागत वोट कर्ज माफी की वजह से छिटक कर कांग्रेस में चले गए थे, लोकसभा चुनाव में उनकी वापसी फिर से भाजपा में हुई, इसी का परिणाम रहा में