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राजनीति

Khairagarh में मनरेगा पर कांग्रेस नेता विप्लव साहू की तीखी प्रतिक्रिया, कहा केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा को कमजोर करने के प्रयास

Suresh verma

06-04-2025 05:09 PM
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खैरागढ़। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) ग्रामीण भारत के लिए एक आर्थिक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है। यह योजना न केवल ग्रामीण परिवारों के लिए रोजगार का साधन बनती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मूलभूत ढांचे के विकास में भी अहम भूमिका निभाती है। लेकिन हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा की गई बजट कटौती और तकनीकी अड़चनों के कारण मनरेगा की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

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मनरेगा का उद्देश्य और महत्व

मनरेगा का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को साल में कम से कम 100 दिन का गारंटीशुदा रोजगार प्रदान करना है।

यह योजना ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण में भी अहम योगदान देती है। 2005 में मनमोहन सिंह सरकार द्वारा लागू की गई यह योजना आज भी ग्रामीण भारत की रीढ़ मानी जाती है।

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केंद्र सरकार की बजट कटौती

कांग्रेस नेता विप्लव साहू ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने लगभग 4000 करोड़ रुपये की कमी की है, जिससे ग्रामीण मजदूरों पर सीधा असर पड़ा है। इस कमी को "एक सुनियोजित कदम" के रूप में देखा जा रहा है, जो ग्रामीण कामकाजी वर्ग के खिलाफ है।

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कई राज्यों में मनरेगा के तहत रोजगार की उपलब्धता मांग के अनुसार नहीं हो पा रही है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में औसत कार्य दिवसों की संख्या 100 से घटकर 40-50 दिन तक रह गई है।

सरकार की कूटनीति: योजना को कमजोर करने की कोशिश

विप्लव साहू ने यह भी कहा कि यह कटौती जानबूझकर की जा रही है ताकि मनरेगा की लोकप्रियता और प्रभाव को कम किया जा सके। यह कदम एक कूटनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य योजना को अप्रभावी बनाना है ताकि मजदूरों का दुरुपयोग किया जा सके और अमीर लोग इसका फायदा उठा सकें।

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मनरेगा का कमजोर होना: ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर असर

मनरेगा के कमजोर होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ रहा है। रोजगार के अवसरों में कमी के कारण पलायन बढ़ेगा और आय पर संकट गहरा होगा।

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मनरेगा में हर 100 रुपये के निवेश से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में 300 रुपये का योगदान होता है।

ऐसे में, इस योजना का कमजोर होना दीर्घकालिक नुकसान का कारण बन सकता है।

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निष्कर्ष: ग्रामीणों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना

मनरेगा न केवल ग्रामीण रोजगार का एक प्रमुख स्रोत है, बल्कि यह ग्रामीण विकास के लिए एक मजबूत आर्थिक स्तंभ भी है। अगर केंद्र सरकार इस योजना को कमजोर करने में सफल होती है, तो इसका दीर्घकालिक प्रभाव ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर बुरा पड़ेगा, और यह नीति को किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता।

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Suresh verma

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