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उत्तराखंडः कोरोना से मां की मौत के बाद सड़कों पर भीख मांगने वाला बच्चा रातोंरात बना करोड़पति :

Dinesh Sahu

17-12-2022 11:17 AM
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Uttarakhand News: उत्तराखंड में मां की मौत के बाद दो वक्त की रोटी के लिए सबके आगे हाथ फैलाने के लिए मजबूर दस साल का एक बच्चा करोड़ों की जायदाद का मालिक निकला। कोरोना से उस बच्चे की मां की मौत हो गई थी। जिसके बाद से उसके सितारे गर्दिंश में थे। लेकिन अब वह करोड़ों का मालिक बन गया। दरअसल, उसके दादा ने मरने से पहले अपनी आधी जायदाद उसके नाम कर दी थी। वसीयत लिखे जाने के बाद से परिजन उसे ढूंढ रहे थे। लेकिन वो काफी दिनों से मिल नहीं रहा था। इसी बीच उत्तराखंड के कलियर में सड़कों पर घूमते वक्त गांव के युवक मोबिन ने उसे पहचाना। परिजनों को सूचना दी, जिसके बाद बृहस्पतिवार को वह बच्चे को अपने साथ घर ले गए। बच्चे के नाम गांव में पुश्तैनी मकान और पांच बीघा जमीन है।

रातोंरात भिखारी से करोड़पति बनने वाला बच्चा मूलरूप से यूपी के सहारनपुर जिले के पंडोली का रहने वाला है। उसकी मां इमराना पति मोहम्मद नावेद के निधन के बाद 2019 में अपने ससुराल वालों से नाराज होकर अपने मायके यमुनानगर चली गई थी। वह अपने साथ करीब छह साल के बेटे शाहजेब को भी ले गई थी। सुराल पक्ष ने उसे मनाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी। अब बच्चे को लेकर कलियर आ गई। परिजनों ने काफी ढूंढा लेकिन कुछ पता नहीं चला। कोरोना महामारी आई तो लॉकडाउन लग गया। इसी महामारी में मां इमराना का साया भी मासूम शाहजेब के सिर से उठ गया।

तब से शाहजेब कलियर में लावारिस जिंदगी जी रहा था। चाय व अन्य दुकानों पर काम करने के साथ ही पेट भरने को वह सड़क पर भीख भी मांगने को मजबूर था। उसके सबसे छोटे दादा शाहआलम का परिवार अब उसे सहारनपुर ले गया है। मासूम की फोटो परिजनों ने व्हाट्सएप ग्रुपों और सोशल साइट्स पर अपलोड कर तलाशने वाले को इनाम का ऐलान किया था। दूर का एक रिश्तेदार मोबिन कलियर आया था। बाजार में घूमते वक्त उसकी नजर शाहजेब पर पड़ी तो उसने वायरल फोटो से उसके चेहरे का मिलान किया। पूछने पर शाहजेब ने अपना और मां के नाम के साथ गांव का नाम सही बताया तो मोबिन ने उसके परिजनों को सूचित किया।
पहले बहू का घर छोड़कर जाना और उसके बाद बेटे की मौत से दादा मोहम्मद याकूब सदमे में थे। हिमाचल में एक स्कूल से रिटायर याकूब की करीब दो साल पहले मौत हो चुकी है। उनके दो बेटों में से नावेद का निधन हो चुका, जिनके बेटे का नाम शाहजेब है। दूसरे बेटे जावेद का परिवार सहारनपुर में ही रहता है। दादा ने अपनी वसीयत में लिखा था कि जब कभी भी मेरा पोता वापस आए तो उसे आधी जायदाद सौंप दी जाए।

Dinesh Sahu

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