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कबीर साहेब के शरण मे शुद्ध मन से जाना चाहिए,शुद्ध मन से दर्शन करने मे आत्म संतुष्टि मिलती है : रामू दास साहेब :

Dinesh Sahu

11-12-2022 04:39 PM
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मदनपुर मे तीन दिवसीय कबीर सत्संग समारोह का आयोजन

खैरागढ ! DNnews-खैरागढ ब्लाक के बाजार अतरिया समीपस्थ ग्राम मदनपुर मे समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से तीन दिवसीय कबीर सत्संग समारोह का आयोजन किया जा रहा है. आयोजन 10 दिसंबर से 12 दिसंबर तक चलेगा. अंतिम दिन सात्विक यज्ञ चौका आरती का कार्यक्रम भी है।

सत्संग के द्वितीय दिवस प्रवचनकर्ता रामू दास साहेब ने कहा कि कभी भी साधू संत का घर मे आगमन होता है वहां शुद्ध पानी व शुद्ध भोजन परोसना चाहिए.घर मे जब भी साधू संतो का आगमन होता है. उस समय सहर्ष भाव से शुद्ध मन से खाना बनाने का काम करना चाहिए. परमात्मा के प्रति भक्ति हो मन मे शुद्धता होना चाहिए. परमात्मा का आरती पुजा ध्यान लगाकर करना चाहिए. सुरति को यदि दो मिनट भी स्थिर रखे समझो सफल हो गए.

बिन साखी संसार मे ज्ञान का आंख नही खुलता

पाप से उद्धार करने के लिए साहेब के शरण मे जाते है. लेकिन साहेब के प्रति प्रेम न होना व्यर्थ है। कबीर साहब को जैसे समझने वाले व्यक्ति मिलते है उसे वैसा ही भाषा मे समझाते है. लोग जब तक ठोकर नही खाते तब तक ज्ञान नही मिलते .साहेब ने कहा कि जो व्यक्ति कबीर साहेब के पांच नाम जपते है. वही भवसागर से पार होते है. सद्गुरु के कथनानुसार जब कोई भी संतो का घर मे आगमन होता है. उसका चरण धोना चाहिए. कबीर साहेब को मानने वालों का कलेजा तगड़ा होना चाहिए. सब प्रकार के दुर्व्यसन को त्याग करने से कबीर साहेब का दर्शन प्राप्त होता है. परमात्मा को पाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है. जिसके जीवन मे प्रेम का विरह न बीता हो वह दुनिया को समझ नही पाता.

भोजन करते समय मालिक का सुमिरन करना चाहिए. भोजन करने से पहले साहेब का सुमिरन करधा चाहिए. साहेब ने कहा कि भोजन करने से पहले पानी का आचमन देने के बाद भोजन को साहेब को भोग लगाने के बहाने जमीन पर रख देखे है. जबकि यह उचित नही है. भगवान भोजन के भुखे नही है बल्कि भाव भक्ति के भूखे है. भोजन करते वक्त जमीन पर कभी भी भोग नही लगाना चाहिए. जमीन पर भोग लगाए हुए भोजन जुठन मे चला जाता है जबकि भगवान को भोग लगाया हुआ भोजन प्रसाद के रूप मे बटना चाहिए. 

Dinesh Sahu

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