काग्रेस को राजनांदगांव विधानसभा चुनाव के तर्ज पर लोकसभा चुनाव मे अति आत्मविश्वास पड़ सकता है भारी : भाजपा नेता मोदी के गारंटी पर निर्भर लोकसभा चुनाव मैदान मे कार्यकर्ताओ का प्रचार तंत्र मे कमजोर
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Akil meman rajnandgaov
छुरिया ! DNnews -लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल को लेकर मतदाताओं में ज़बरदस्त उत्साह का माहौल है जिसके चलते काग्रेस के नेता अति आत्मविश्वास मे आ गए है समय रहते उसे ठीक नहीं किया गया तो तो मतदान मे भारी पड़ सकता है वर्तमान मे जो हालात दिख रहा है काग्रेस उम्मीदवार बघेल जब किसी ग्रामीण क्षेत्र मे पहुचते है तब बड़े सख्या मे लोग उन्हें देखने सुनने पहुंच जाते है। काग्रेस के नेताओं के पास भाजपा उम्मीदवार को लेकर ही मुद्दा है जानकारी है ग्रामीणो का कहना होता है कि भाजपा सांसद संतोष पाडे सांसद रहते हुए पांच वर्ष हमारे गाँव मे नही पहुचे किसी भी ग्रामीण मतदाताओं के दुख:सुख मे कभी सामिल नही हुए कुल मिलाकर काग्रेसी इसे ही प्रचार व जीत मंत्र समझ रहे है.
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उधर भाजपा नेताओं के पास अपने उम्मीदवार के पक्ष मे बोलने ऐसा कोई उपलब्धि नही है जिसे लेकर मतदाताओ को प्रभावित कर सके चर्चा है भाजपा नेता कार्यकर्ता सिर्फ और सिर्फ मोदी के नाम पर वोट माँगकर चुनाव का बेड़ापार करने के प्रयास मे लगे हुए है लोकसभा चुनाव मतदान काफी करीब है आम जनता चालाक हो चुके है. काग्रेस भाजपा दोनो दलो का गमछा झोले मे रखकर चलने लगे है रूझान स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।
काग्रेस उम्मीदवार खुद है दमदार बूथ सेक्टरप्रभारियों के भरोसे चुनाव जीतने का खेल है बेकार
लोकसभा चुनाव मे एक तरफ भाजपा के धुरंधर नेता संतोष पाडे है तो दूसरे तरफ काग्रेस के दबंग नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल है भाजपा मे उनके नेता व कार्यकर्ता जिस तरह चुनाव प्रचार कर रहे है उन्हें वे पूर्व मे छत्तीसगढ़ मे काग्रेसी कर्ज माफी को लेकर 65 सीट के मुगालते मे थे वर्तमान मे भाजपा नेता भी मोदी के गैरेटी पर सिर्फ प्रचार का प्रदर्शन कर अपना नंम्बर बड़ा कर उल्लू सीधा करने का खेल चल रहा है वैसे दोनो दल के नेताओं का जीत हार का सारा दारोमदार बुथ व सेक्टर प्रभारियों को मतदान के पहले जो नेता सही मैनेज कर लिया उसका बेड़ापार होना है क्षेत्र मे जो हालात देखने को मिल रहा है काग्रेस मे लोकसभा से पाँच विधायक है. जिनके बारे मे जानकारी है खुज्जी विधायक भोलराम साहू बेहतर तरीके से चुनाव प्रचार मे दिन रात एक किए हुए है मगर वहां भी दूसरे गुट पूर्व विधायक का जमकर उपेक्षा का मामला सामने आ रहा है
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ब्लॉक काग्रेस कमेटी अध्यक्ष रितेश जैन छुरिया के बारे मे जानकारी है बड़े नेताओं का पूछ परख नहीं होने के बाद भी वे अपने बूते भीषण गर्मी मे पूर्व विधायक के साथ क्षेत्र के अनेक ग्रामो मे सभाए व प्रचार मे लगे हुए है उसके बाद भी काग्रेस मे गुटबाजी के चलते सब कुछ ठीक नहीं कहा जा सकता जिले के अन्य विधायको के बारे मे आम चर्चा है निष्ठावान कार्यकर्ताओं का उपेक्षा कर रहे है उससे कार्यकर्ताओं मेआक्रोश है उनके बारे मे आरोप है फैसला अगर काग्रेंस के पक्ष मे रहा तो श्रेय लेने मे ये नेता आगे रहेंगे अगर मामला कही बिगड़ा तब उन्हें इस बात जरा भी परवाह नही है काग्रेंस संगठन के नेता उन्हें क्या कहेंगे किस नजर से देखेंगे उन्हे अहंकार है उनके पाँच वर्ष के कार्यकाल उन्हें तो भाजपा सरकार मे पूरा करना उन्हें कोई फर्क पड़ने वाला नही है काग्रेंस के चुनाव प्रचार पर जो जानकारी सामने आ रहा है क्षेत्र का कोई नेता कार्यकर्ता चुनाव मे गडबड़ी अव्यवस्था की जानकारी देते है खबर उसे नेता हल्के मे लिया जा रहा है जो उम्मीदवार के ठीक नहीं है बैहरहाल वर्तमान मे प्रदेश मे भाजपा सत्ता मे है सरकार मे रहते हुए चुनाव लड़ रहे है जो महत्वपूर्ण होता है राजनीतिक हल्को मे चर्चा है जिले मे काग्रेंस के तथाकथित जनप्रतिनिधियों का भाजपा नेताओं से बेहतर ताल्लुकात है वैसे भी राजनांदगांव राजनीति इतिहास रहा है मतदान के कुछ दिन पूर्व राजनीतिक नेताओं के साथ खेला हो जाता है कुल मिलकर अबआने वाला समय बताएगा भाजपा नेता प्रचार के गोपनीय रणनीति के खेल मे भाजपा कामयाब होती है या काग्रेंस नेताओं का मैनेज भारी पड़ता है फेल और पास का परिणाम मत पेटी खुलने पर पता चल पाएगा
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भाजपा काग्रेस दोनो दल के नेता मिडिया का कर रहे है उपेक्षा
राजनांदगांव लोकसभा मे खासकर खुज्जी विधानसभा मे जहां विधानसभा चुनाव के परिणाम से भाजपा कार्यकर्ताओं का भूमिका संदिग्ध है वर्तमान मे लोकसभा चुनाव मे भी वही हिल है भारत के राजनीति मे मिडिया का अपना एक अलग महत्व है जिसे चुनाव के समय सभी राजनीति पार्टी के नेता उनका सहयोग लेते है चुनाव मे उसका लाभ भी मिलता है, आम चर्चा है वर्तमान लोकसभा चुनाव मे जिस तरह से स्थानीय नेता मिडीया का उपेक्षा कर रहे उसके दो कारण लगता है पहला मिडिया के साथी राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता बन गए या दूसरा ये अपने कलम को उनके विचारधारा का गुलाम बना दिए है तभी तो नेताओं के पास मिडिया का हालात सून्य हो गया है राजनीति के क्षेत्र मे चर्चा भाजपा काग्रेंस दोनो पार्टी के साजिश करता नेता अपने उम्मीदवार को नूकसान पहुचाने के लिए मिडिया का उपेक्षा कर षड़यंत्र कर रहे है ताकि चुनाव मे उन्हें छति पहुंचे।
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