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ग्रामीणों को चैकों का अनादरण के संबंध में दी गई विधिक जानकारी :

Dinesh Sahu
17-02-2023 11:44 AM
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खैरागढ़ ! DNnews-राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के मार्गदर्शन में तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ द्वारा ग्राम रीवागहन में दिनांक 16.02.2023 को विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया जहां उपस्थित ग्रामीण जनों को पैरा लीगल वालंटियर गोलूदास साहू ने चैकों का अनादरण के विषय में बताते हुए कहा कि
आज के युग में प्रायः लेने-देन का कार्य बैंकों के माध्यम से किया जाना अधिक सुविधापूर्ण हो चुका है। बैंक एक वैश्वासिक संस्थान है, जो आपके मध्य हुए अनुबंध शर्तों के अध्यधीन आपके के खाते में जमा राशि को आपके आदेशानुसार ही आहरित कर आपको अथवा आपके द्वारा आदेशित व्यक्ति को भुगतान करता है। जमा धन का आहरण बैंक निकासी फार्म, बैंक चैक या एटीएम के माध्यम से किया जा सकता है। इन सबमें चैकों का महत्वपूर्ण एवं अहम भूमिका होता है, जिसके माध्यम से आप स्वयं ही नहीं वरन् अन्य किसी व्यक्ति को भी ’’किसी लिए गए ऋण या अन्य दायित्व के पूर्णतः या अंशतः उन्मोचन के लिए किसी बैंक में अपने खाते में जमा राशि में से जो उक्त बैंक के साथ अनुबंधित ठहराव के लिए पर्याप्त हो, छोड़कर बचत राशि में से भुगतान हेतु ऐसे व्यक्ति के पक्ष में चैक जारी कर सकते हैं। यदि आपके द्वारा लिखा गया चैक, बैंक द्वारा बिना भुगतान किए गए इस कारण वापस लौटा दिया जाता है कि आपके खाते में भुगतान हेतु पर्याप्त धन राशि नहीं है या उस रकम से अधिक है, जिसका बैंक के साथ किए गए करार के द्वारा उस खाते में से संदाय करने का ठहराव किया गया है, तो आपका यही कृत्य चैक के प्रति अनादरण अर्थात् उपेक्षापूर्ण आचरण होगा। जो धारा 138 चैकों का अनादरण अधिनियम अर्थात् परक्राम्य लिखत अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।
पीड़ित व्यक्ति के लिए ध्यान देने योग्य बातें है कि पीड़ित व्यक्ति अर्थात् जिसके पक्ष में जारी चैक की अनादरित होने की सूचना सहित उक्त चैक बिना भुगतान किए बैंक द्वारा वापस लौटा दी जाती है, तो ऐसे व्यक्ति को चैक जारीकर्ता के विरूद्ध न्यायालय में परिवाद संस्थित करने के पूर्व चैक अनादरण के संबंध में आवश्यक तत्व को ध्यान में रखा जाना चाहिए.
चैक अनादरण के आवश्यक तत्व -
अधिनियम के तहत अपराध के गठन हेतु आवश्यक है कि चैक ऋण के संपूर्ण अथवा आंशिक उन्मोचन अथवा अन्य किसी दायित्व के उन्मोचन के संबंध में राशि भुगतान हेतु होना चाहिए, चैक बिना भुगतान किए बैंक द्वारा वापस आया हो और चैक के भुगतान होने के कारण धन की अपर्याप्तता अथवा खाते में से भुगतान की व्यवस्था की गई राशि से अधिक हो। उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्राम पंचायत सरपंच, पंच व ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
आज के युग में प्रायः लेने-देन का कार्य बैंकों के माध्यम से किया जाना अधिक सुविधापूर्ण हो चुका है। बैंक एक वैश्वासिक संस्थान है, जो आपके मध्य हुए अनुबंध शर्तों के अध्यधीन आपके के खाते में जमा राशि को आपके आदेशानुसार ही आहरित कर आपको अथवा आपके द्वारा आदेशित व्यक्ति को भुगतान करता है। जमा धन का आहरण बैंक निकासी फार्म, बैंक चैक या एटीएम के माध्यम से किया जा सकता है। इन सबमें चैकों का महत्वपूर्ण एवं अहम भूमिका होता है, जिसके माध्यम से आप स्वयं ही नहीं वरन् अन्य किसी व्यक्ति को भी ’’किसी लिए गए ऋण या अन्य दायित्व के पूर्णतः या अंशतः उन्मोचन के लिए किसी बैंक में अपने खाते में जमा राशि में से जो उक्त बैंक के साथ अनुबंधित ठहराव के लिए पर्याप्त हो, छोड़कर बचत राशि में से भुगतान हेतु ऐसे व्यक्ति के पक्ष में चैक जारी कर सकते हैं। यदि आपके द्वारा लिखा गया चैक, बैंक द्वारा बिना भुगतान किए गए इस कारण वापस लौटा दिया जाता है कि आपके खाते में भुगतान हेतु पर्याप्त धन राशि नहीं है या उस रकम से अधिक है, जिसका बैंक के साथ किए गए करार के द्वारा उस खाते में से संदाय करने का ठहराव किया गया है, तो आपका यही कृत्य चैक के प्रति अनादरण अर्थात् उपेक्षापूर्ण आचरण होगा। जो धारा 138 चैकों का अनादरण अधिनियम अर्थात् परक्राम्य लिखत अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।
पीड़ित व्यक्ति के लिए ध्यान देने योग्य बातें है कि पीड़ित व्यक्ति अर्थात् जिसके पक्ष में जारी चैक की अनादरित होने की सूचना सहित उक्त चैक बिना भुगतान किए बैंक द्वारा वापस लौटा दी जाती है, तो ऐसे व्यक्ति को चैक जारीकर्ता के विरूद्ध न्यायालय में परिवाद संस्थित करने के पूर्व चैक अनादरण के संबंध में आवश्यक तत्व को ध्यान में रखा जाना चाहिए.
चैक अनादरण के आवश्यक तत्व -
अधिनियम के तहत अपराध के गठन हेतु आवश्यक है कि चैक ऋण के संपूर्ण अथवा आंशिक उन्मोचन अथवा अन्य किसी दायित्व के उन्मोचन के संबंध में राशि भुगतान हेतु होना चाहिए, चैक बिना भुगतान किए बैंक द्वारा वापस आया हो और चैक के भुगतान होने के कारण धन की अपर्याप्तता अथवा खाते में से भुगतान की व्यवस्था की गई राशि से अधिक हो। उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्राम पंचायत सरपंच, पंच व ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
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