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भीख मांगने वाला बच्चा एक ही रात में बन गया करोड़पति, अब बनना चाहता है डॉक्टर :

Dinesh Sahu

19-12-2022 10:44 AM
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सहारनपुर ! सहारनपुर के जिस बालक पर कल तक दो वक्त की रोटी के पैसे नहीं हुआ करते थे वाे एक रात में ही करोड़पति बन गया है। सहारनपुर के रहने वाले दस वर्षीय शाहजेब के पिता मोहम्मद नावेद की 2019 में असमय मौत हो गयी थी। अगले वर्ष कोरोनों से मां की मौत हो गई और इस तरह लावारिस हुआ दस वर्षीय शाहजेब भीख मांगकर अपना पेट भरने लगा। फिर उसके साथ एक ऐसी सुखद घटना घटी जिसने उसे रातो-रात करोड़पति बना दिया।
पिता की असमय मौत से शुरु हुए बुरे देिन ये परिवार मूल रूप से सहारनपुर नागल थाना क्षेत्र के गांव पंडोली गांव में रहता था। परिवार के मुखिया यानी शाहजेब के पिता मोहम्मद नावेद जो इंजीनियर थे उनकी असमय मौत हो गई थी। मुखिया की मौत से इस परिवार पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मां इमराना बेटे को लेकर पड़ोसी राज्य हरियाणा के यमुनानगर अपने मायके चली गई थी। बाद में मायके वालों से अनबन होने के बाद इमराना बेटे को लेकर रुड़की के पिरान कलियर जा पहुंची। यहां कोरोना वायरस से इमराना की भी मौत हो गई।
माता-पिता की मौत ने बना दिया भिखारी पिता के बाद मां इमराना की मौत ने शाहजेब को लावारिस बना दिया। वह पिरान कलियर में ही भीख मांगकर अपना पेट भरने लगा। इधर परिवार वाले यानी दादा नावेद की मौत के बाद से उसकी पत्नी और बेटे को तलाश कर रहे थे लेकिन दोनों का कोई पता नहीं लग रहा था। पोते के वियोग में दादा परेशान थे लेकिन अपने पोते का हक नहीं मरने दिया।
दादा ने कर दी वसीयत शाहजेब अब पिरान कलियर में भीख मांग रहा था और उसके परिवार वाले शाहजेब के मिलने की सारी उम्मीद खो बैठे थे। शाहजेब के दादा को उम्मीद थी कि उनका पोता लौटकर आएगा। इसी उम्मीद के साथ दादा ने अपनी संपत्ति की दो हिस्सों में वसीयत कर दी। अब रिश्तेदारों को शाहजेब पिरान कलियर में मिला तो एक ही रात में उसकी किस्मत बदल गई। कल तक भीख मांगने वाला शाहजेब रातो-रात करोड़पति बन गया।
दाे साल पहले हो चुकी है दादा की भी मौत बेटे की मौत और बहू व पोते के घर से जाने का मोहम्मद याकूब को तगड़ा सदमा लगा था। शाहजेब के दादा मोहम्मद याकूब हिमाचल प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में अध्यापक थे। दो साल पहले वो भी दम तोड़ चुके हैं। मरने से पहले उन्होंने शाहजेब की तलाश की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। थक हाकर उन्होंने मरने से पहले अपनी एक वसीयत बनाई। इस वसीयत में उन्होंने लिखा था कि जब कभी भी उनका पोता वापस आए तो पुश्तैनी मकान और पांच बीघा जमीन उसको दे दी जाए। इस तरह मोहम्मद याकूब ने अपनी आधी जायदाद अपने पोते शाहजेब और आधी अपने दूसरे बेटे जावेद के नाम कर दी थी। अब इस वसीयत के सहारे ही शाहजेब रातो-रात करोड़पति बना है।
छोटे दादा के दामाद ने पहचान लिया शाहजेब के छोटे दादा शाह आलम का दामाद मोबीन पिरान कलियर दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए गया था। वहीं पर उसने शाहजेब को देखकर पहचान लिया और पूरी बात अपने रिश्तेदारों के बताई। जब मोबीन अपने साथ शाहजेब काे सहारनपुर लेकर पहुंचा तो पूरे परिवार में जैसे खुशियां लौट आई। सबसे पहले छोटे दादा शाह आलम ने शाहजेब काे खूब प्यार किया।
अब डॉक्टर बनना चाहता है शाहजेब शाहजेब अब डॉक्टर बनना चाहता है। छोटो दादा ने उसका एडमिशन गांव के ही स्कूल में कराया है। शाहजेब का कहना है कि उसने जीवन के सारे दुख देख लिए हैं। अब वह मन लगाकर पढ़ाई करेगा और डॉक्टर बनेगा।

Dinesh Sahu

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