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रगरा सोसायटी मे फर्जी तरीके से लिपिक व चौकीदार की नियुक्ति की शिकायत : पूर्व सहायक समिति प्रबंधक रमेश कुमार निर्मलकर ने सोसायटी अध्यक्ष पर फर्जीवाड़ा का लगाया आरोप

Dinesh Sahu
03-12-2022 01:43 PM
378
समिति कर्मचारी सेवा नियम का सरासर उलंघन का आरोप
खैरागढ ! DNnews-जिला सहकारी समिति बाजार अतरिया के अधीनस्थ सेवा सहकारी समिति रगरा मे लिपिक व चौकीदार की नियुक्ति मे फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. पूर्व मे सोसायटी मे काम कर रहे सहायक समिति प्रबंधक को 6 मार्च 2020 मे शीलक राशि, रसीद कट्टा राशि व कार्य मे अनुपस्थिति बताकर संयुक्त पंजीयक संभाग दुर्ग द्वारा सस्पेंड जरूर कर दिया गया है. लेकिन वर्तमान मे कार्यरत लिपिक व चौकीदार की फर्जी नियुक्ति के संदर्भ मे उच्च अधिकारी अभी भी मौन साधे हुए है.
पूर्व सहायक समिति प्रबंधक रमेश कुमार निर्मलकर ने आरोप लगाया है कि 20/11/2017 को लिपिक रूपेंद्र कुमार व चौकीदार मुकेश पाल को समिति के अध्यक्ष द्वारा फर्जी तरीक़े से प्रस्ताव बनाकर नियुक्ति कर दिया गया है. उन्होंने दस्तावेज दिखाते हुए यह बताया कि उक्त तिथि को केवल 4 प्रस्ताव ही पारित हुआ था. जबकि समिति अध्यक्ष द्वारा प्रस्ताव क्रमांक 5 का हवाला देते हुए रूपेंद्र कुमार को लिपिक व मुकेश पाल को चौकीदार पद मे नियुक्ति के संबंध अनुमोदन बता दिया गया है. दस्तावेज के हिसाब से 20/11/2017 को प्रस्ताव क्रमांक 4 के अलावा और प्रस्ताव हुआ ही नही है. दस्तावेज मे स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि प्रस्ताव क्रमांक 4 के बाद अंडरलाइन खिंचा गया है. उसके नीचे कुछ कालम बचा हुआ है.
रमेश कुमार निर्मलकर ने आरोप लगाया है कि संचालक मंडल के अध्यक्ष नेमसिंह वर्मा द्वारा सहकारिता विस्तार अधिकारी व बैंक कर्मचारियों के मिलीभगत कर फर्जी नियुक्ति का अनुमोदन संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं दुर्ग से कराया गया है. वही 4 वर्षों के बाद समिति रगरा का कार्यभार सौंपा गया. उक्त कर्मचारियों का 4 वर्ष पूर्व समिति मे किसी भी प्रकार का समिति प्रभारी द्वारा प्रस्ताव पारित नही किया गया. वही अनुमोदन हेतू संयुक्त पंजीयक को निवेदन भी नही किया. जिसका फायदा उठाने के लिए संचालक मंडल के अध्यक्ष द्वारा पूर्व मे कार्यरत सहायक समिति प्रबंधक रमेश कुमार निर्मल के विरुद्ध शिकायत जांच संयुक्त पंजीयक से कराए जाने हेतू आवेदन दिया गया. तत्पश्चात पंजीयक द्वारा सहायक समिति प्रबंधक रमेश निर्मल को अपने शक्ति का प्रयोग करते हुए बर्खास्त कर दिया गया।
अध्यक्ष द्वारा पद का दुरूपयोग
रमेश निर्मल ने बताया कि रगरा सोसायटी के अध्यक्ष द्वारा पद का दुरूपयोग कर दोनो ही कर्मचारियों का फर्जी तरीके से नियुक्ति कर दिया गया है. जबकि संचालक मंडल के सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य है. लेकिन यहां कम संख्या मे संचालक मंडल के सदस्यों की उपस्थिति के बाद भी अनुमोदन करना समझ से परे है. ऐसे मौके पर प्राधिकृत अधिकारी, सीईओ, बैंक मैनेजर या शाखा प्रबंधक की उपस्थिति अनिवार्य है. जबकि ऐसा हुआ ही नही.
नियम यह भी है
संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाए दुर्ग संभाग द्वारा स्पष्ट बताया गया है कि अनुमोदन के समय बोर्ड की बैठक दिनांक 20/11/ 2017 के प्रस्ताव क्रमांक 5 से लिए गए निर्णय के अनुसार उक्त दोनों की नियुक्ति का अनुमोदन के दौरान यदि नियुक्त के संबंध में सेवा नियम 2012 के किन्ही उपबंधो के उल्लंघन की स्थिति में नियुक्ति निरस्त किया जा सकेगा वही दोनों से 50-50 की बैंक गारंटी लिया जा सकेगा
इस मामले की बारिकी से जांच होगी तो बैंक के अध्यक्ष सहित उच्च अधिकारियों के उपर गाज गिर सकती है. इसके अलावा और भी फर्जी नियुक्ति की शिकायत मिली है जिसका जल्द ही खुलासा होने वाला है. रमेश कुमार निर्मल ने जल्द ही केसीजी कलेक्टर को इस संबंध शिकायत करने वाले है ताकि सच सामने आ सके.
पुराने दस्तावेज दफ्तर मे नही.
सुत्र के हिसाब से साक्ष्य छिपाने के लिए बैंक कर्मचारी व अध्यक्ष के द्वारा प्रमुख दस्तावेजों को सोसायटी से गायब कर दिया गया है. ताकि सच सामने आ न सके. यह बात समझ नही आती कि इतने बड़े फर्जीवाड़ा होने के बाद भी अधिकारी मौन साधे हुए है. बहरहाल ये तो जांच का विषय है. और सबकुछ जांच मे ही पता चल पाएगा।
खैरागढ ! DNnews-जिला सहकारी समिति बाजार अतरिया के अधीनस्थ सेवा सहकारी समिति रगरा मे लिपिक व चौकीदार की नियुक्ति मे फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. पूर्व मे सोसायटी मे काम कर रहे सहायक समिति प्रबंधक को 6 मार्च 2020 मे शीलक राशि, रसीद कट्टा राशि व कार्य मे अनुपस्थिति बताकर संयुक्त पंजीयक संभाग दुर्ग द्वारा सस्पेंड जरूर कर दिया गया है. लेकिन वर्तमान मे कार्यरत लिपिक व चौकीदार की फर्जी नियुक्ति के संदर्भ मे उच्च अधिकारी अभी भी मौन साधे हुए है.
पूर्व सहायक समिति प्रबंधक रमेश कुमार निर्मलकर ने आरोप लगाया है कि 20/11/2017 को लिपिक रूपेंद्र कुमार व चौकीदार मुकेश पाल को समिति के अध्यक्ष द्वारा फर्जी तरीक़े से प्रस्ताव बनाकर नियुक्ति कर दिया गया है. उन्होंने दस्तावेज दिखाते हुए यह बताया कि उक्त तिथि को केवल 4 प्रस्ताव ही पारित हुआ था. जबकि समिति अध्यक्ष द्वारा प्रस्ताव क्रमांक 5 का हवाला देते हुए रूपेंद्र कुमार को लिपिक व मुकेश पाल को चौकीदार पद मे नियुक्ति के संबंध अनुमोदन बता दिया गया है. दस्तावेज के हिसाब से 20/11/2017 को प्रस्ताव क्रमांक 4 के अलावा और प्रस्ताव हुआ ही नही है. दस्तावेज मे स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि प्रस्ताव क्रमांक 4 के बाद अंडरलाइन खिंचा गया है. उसके नीचे कुछ कालम बचा हुआ है.
रमेश कुमार निर्मलकर ने आरोप लगाया है कि संचालक मंडल के अध्यक्ष नेमसिंह वर्मा द्वारा सहकारिता विस्तार अधिकारी व बैंक कर्मचारियों के मिलीभगत कर फर्जी नियुक्ति का अनुमोदन संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं दुर्ग से कराया गया है. वही 4 वर्षों के बाद समिति रगरा का कार्यभार सौंपा गया. उक्त कर्मचारियों का 4 वर्ष पूर्व समिति मे किसी भी प्रकार का समिति प्रभारी द्वारा प्रस्ताव पारित नही किया गया. वही अनुमोदन हेतू संयुक्त पंजीयक को निवेदन भी नही किया. जिसका फायदा उठाने के लिए संचालक मंडल के अध्यक्ष द्वारा पूर्व मे कार्यरत सहायक समिति प्रबंधक रमेश कुमार निर्मल के विरुद्ध शिकायत जांच संयुक्त पंजीयक से कराए जाने हेतू आवेदन दिया गया. तत्पश्चात पंजीयक द्वारा सहायक समिति प्रबंधक रमेश निर्मल को अपने शक्ति का प्रयोग करते हुए बर्खास्त कर दिया गया।
अध्यक्ष द्वारा पद का दुरूपयोग
रमेश निर्मल ने बताया कि रगरा सोसायटी के अध्यक्ष द्वारा पद का दुरूपयोग कर दोनो ही कर्मचारियों का फर्जी तरीके से नियुक्ति कर दिया गया है. जबकि संचालक मंडल के सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य है. लेकिन यहां कम संख्या मे संचालक मंडल के सदस्यों की उपस्थिति के बाद भी अनुमोदन करना समझ से परे है. ऐसे मौके पर प्राधिकृत अधिकारी, सीईओ, बैंक मैनेजर या शाखा प्रबंधक की उपस्थिति अनिवार्य है. जबकि ऐसा हुआ ही नही.
नियम यह भी है
संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाए दुर्ग संभाग द्वारा स्पष्ट बताया गया है कि अनुमोदन के समय बोर्ड की बैठक दिनांक 20/11/ 2017 के प्रस्ताव क्रमांक 5 से लिए गए निर्णय के अनुसार उक्त दोनों की नियुक्ति का अनुमोदन के दौरान यदि नियुक्त के संबंध में सेवा नियम 2012 के किन्ही उपबंधो के उल्लंघन की स्थिति में नियुक्ति निरस्त किया जा सकेगा वही दोनों से 50-50 की बैंक गारंटी लिया जा सकेगा
इस मामले की बारिकी से जांच होगी तो बैंक के अध्यक्ष सहित उच्च अधिकारियों के उपर गाज गिर सकती है. इसके अलावा और भी फर्जी नियुक्ति की शिकायत मिली है जिसका जल्द ही खुलासा होने वाला है. रमेश कुमार निर्मल ने जल्द ही केसीजी कलेक्टर को इस संबंध शिकायत करने वाले है ताकि सच सामने आ सके.
पुराने दस्तावेज दफ्तर मे नही.
सुत्र के हिसाब से साक्ष्य छिपाने के लिए बैंक कर्मचारी व अध्यक्ष के द्वारा प्रमुख दस्तावेजों को सोसायटी से गायब कर दिया गया है. ताकि सच सामने आ न सके. यह बात समझ नही आती कि इतने बड़े फर्जीवाड़ा होने के बाद भी अधिकारी मौन साधे हुए है. बहरहाल ये तो जांच का विषय है. और सबकुछ जांच मे ही पता चल पाएगा।
- उक्त कर्मचारियों का नियुक्ति सेवा नियम के तहत हुआ है. फर्जीवाड़ा वाला कोई सवाल ही नही है. रमेश निर्मल बर्खास्तगी के वजह से उलजलूल शिकायत कर रहे है.
- नेमसिंग वर्मा तात्कालिक अध्यक्ष सेवा सहकारी समिति रगरा
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