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अपने बच्चों को ये खबर जरूर करें : बच्चों को गुड टच बैड टच की दी गई विधिक जानकारी :

Dinesh Sahu
09-12-2022 07:22 PM
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खैरागढ ! DNnews-अध्यक्ष विनय कुमार कश्यप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के निर्देशानुसार और अध्यक्ष चंद्र कुमार कश्यप तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ एवं सचिव देवाशीष ठाकुर के मार्गदर्शन में आज शासकीय प्राथमिक शाला जंगलपुर में विशेष कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जहां उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम दिनांक 11.12.2022 को आयोजित होने वाले निरंतर लोक अदालत के संबंध में बताया गया और आगे गुड टच बैड टच के बारे में बताते हुए पैरालीगल वालंटियर गोलू दास द्वारा कहा कि हमारा समाज विकसित हो रहा है इसके साथ ही में मनुष्य की आपराधिक भावना भी बढ़ रही है. मानव को पिछले युग में कई बदलाव देखने को मिले है. कुछ समय पहले आपराधिक दिमाग वाले लोग समाज की वस्तुओं को निशाना बनाते थे, लेकिन हाल के वर्षों में ये छोटे बच्चों और शिशुओं को निशाना बनाने लगे हैं.
मानवता पशुता में ढ़लती जा रही है. छोटे बच्चों और शिशुओं को वो लोग निशाना बनाने लगे हैं. जो अपने यौन आकर्षण के लिए इनका गलत इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इन्हें मालूम है कि कम उम्र के बच्चे कमजोर व नासमझ होते हैं और दूसरों से जल्दी घुल-मिल जाते हैं व दूसरों पर जल्दी विश्वास भी कर लेते हैं. इस तरह के ज्यादातर अपराधी घर में से ही या आस-पड़ोस या जान पहचान वाले ही होते हैं. कई बार बच्चों को स्कूल कर्मचारी के साथ स्कूल ले जाने वाले ट्रांसपोर्ट के लोग भी ऐसे अपराध करते हैं.
बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध का मुख्य कारण बच्चों में जागरूकता की कमी होती हैं. माता–पिता अपना कर्तव्य केवल अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा, खाना-पीना, कपड़े पहनना, बड़ों का सम्मान करना और अच्छे संस्कार देने तक सीमित मानते हैं. लेकिन वर्तमान समय में बच्चों को यौन शिक्षा देने के साथ ही उन्हें गुड टच बैड टच के बारे में बताना भी एक जरुरी विषय है. माता-पिता अपने बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताना कम जरूरी समझते हैं और संकोच भी करते हैं, जिसके कारण बच्चे यौन शोषण के शिकार होते हैं।
गुड टच
जब कोई आपको छूता है और उसके छूने से आपको प्यार का एहसास होता है या अच्छा लगता है या कोई छूकर आपको सुरक्षित महसूस करवाता है, तो इसे गुड टच कहते हैं। जैसे - सिर पर हाथ रख कर आशीर्वाद देना प्यार से सिर पर हाथ रखना आदि।
बैड टच
वहींजब किसी के छूने से आपको अजीब लगे और अच्छा महसूस ना हो तो ये बैड टच होता है। अगर कोई अनजान व्यक्ति गलत जगह या आपके प्राइवेट पार्ट्स को गलत छूने की कोशिश करे तो ये बैड टच होता है। जैसे- कोई व्यक्ति आपके प्राइवेट पार्ट्स गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो यह बैड टच होता है।
बाल यौन शोषण से बचने के उपाय
माता पिता के साथ सभी बातें शेयर करें बच्चे के बदलते व्यवहार के बारे में आपको जानकारी रखनी चाहिए. ऐसे में छोटी उम्र में ही बच्चों के साथ विश्वास का रिश्ता कायम करना बेहद जरूरी हो जाता है. बच्चों और माता-पिता में प्यार और भरोसेमंद बंधन बनाना आवश्यक है. जहां बच्चे बिना डर के आपको कुछ भी बता सकते हैं. बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार रखे कि वह आप से हर बात शेयर करें. अगर उसने कुछ गलत भी हो जाए तो वह भी बता दे.
बच्चों को उनकी शारीरिक संरचना के बारे में बताया गयाकि हमारे शरीर में कुछ अंग ऐसे होते हैं जो सब को दिखते हैं परंतु कुछ अंग ऐसे होते हैं जिन्हें सिर्फ और सिर्फ हम देख या छू सकते हैं. उन्हें हम प्राइवेट पार्ट्स कहते हैं. प्राइवेट पार्ट्स को शरीर के इन हिस्सों को किसी को न छूने दें.
बच्चों आप अपने शरीर का मालिक हो
आपके अपने शरीर पर केवल आपका ही अधिकार है. अगर किसी के द्वारा अपने शरीर को छूना अच्छा न लगे तो उसका कड़ा विरोध करें और ऐसी बाते आपको आकर जरुर बताएं.
ना कहना सीखें
बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाना सबसे ज़रूरी है और बच्चों के मन से डर दूर करें और आपको ना कहना सीखना होगा. अगर आपको कोई गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो वे प्रताड़ित करने वाले से डरे नहीं बल्कि उन्हें ऐसा न करने के लिए बोलें. प्रताड़ित करने वाले से बचने के लिए शोर मचाए जोर से चिल्लाई चिल्लाऐं ताकि आसपास के लोग उसकी चीख सुनकर उसके मदद को आ सके ।
मानवता पशुता में ढ़लती जा रही है. छोटे बच्चों और शिशुओं को वो लोग निशाना बनाने लगे हैं. जो अपने यौन आकर्षण के लिए इनका गलत इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इन्हें मालूम है कि कम उम्र के बच्चे कमजोर व नासमझ होते हैं और दूसरों से जल्दी घुल-मिल जाते हैं व दूसरों पर जल्दी विश्वास भी कर लेते हैं. इस तरह के ज्यादातर अपराधी घर में से ही या आस-पड़ोस या जान पहचान वाले ही होते हैं. कई बार बच्चों को स्कूल कर्मचारी के साथ स्कूल ले जाने वाले ट्रांसपोर्ट के लोग भी ऐसे अपराध करते हैं.
बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध का मुख्य कारण बच्चों में जागरूकता की कमी होती हैं. माता–पिता अपना कर्तव्य केवल अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा, खाना-पीना, कपड़े पहनना, बड़ों का सम्मान करना और अच्छे संस्कार देने तक सीमित मानते हैं. लेकिन वर्तमान समय में बच्चों को यौन शिक्षा देने के साथ ही उन्हें गुड टच बैड टच के बारे में बताना भी एक जरुरी विषय है. माता-पिता अपने बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताना कम जरूरी समझते हैं और संकोच भी करते हैं, जिसके कारण बच्चे यौन शोषण के शिकार होते हैं।
गुड टच
जब कोई आपको छूता है और उसके छूने से आपको प्यार का एहसास होता है या अच्छा लगता है या कोई छूकर आपको सुरक्षित महसूस करवाता है, तो इसे गुड टच कहते हैं। जैसे - सिर पर हाथ रख कर आशीर्वाद देना प्यार से सिर पर हाथ रखना आदि।
बैड टच
वहींजब किसी के छूने से आपको अजीब लगे और अच्छा महसूस ना हो तो ये बैड टच होता है। अगर कोई अनजान व्यक्ति गलत जगह या आपके प्राइवेट पार्ट्स को गलत छूने की कोशिश करे तो ये बैड टच होता है। जैसे- कोई व्यक्ति आपके प्राइवेट पार्ट्स गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो यह बैड टच होता है।
बाल यौन शोषण से बचने के उपाय
माता पिता के साथ सभी बातें शेयर करें बच्चे के बदलते व्यवहार के बारे में आपको जानकारी रखनी चाहिए. ऐसे में छोटी उम्र में ही बच्चों के साथ विश्वास का रिश्ता कायम करना बेहद जरूरी हो जाता है. बच्चों और माता-पिता में प्यार और भरोसेमंद बंधन बनाना आवश्यक है. जहां बच्चे बिना डर के आपको कुछ भी बता सकते हैं. बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार रखे कि वह आप से हर बात शेयर करें. अगर उसने कुछ गलत भी हो जाए तो वह भी बता दे.
बच्चों को उनकी शारीरिक संरचना के बारे में बताया गयाकि हमारे शरीर में कुछ अंग ऐसे होते हैं जो सब को दिखते हैं परंतु कुछ अंग ऐसे होते हैं जिन्हें सिर्फ और सिर्फ हम देख या छू सकते हैं. उन्हें हम प्राइवेट पार्ट्स कहते हैं. प्राइवेट पार्ट्स को शरीर के इन हिस्सों को किसी को न छूने दें.
बच्चों आप अपने शरीर का मालिक हो
आपके अपने शरीर पर केवल आपका ही अधिकार है. अगर किसी के द्वारा अपने शरीर को छूना अच्छा न लगे तो उसका कड़ा विरोध करें और ऐसी बाते आपको आकर जरुर बताएं.
ना कहना सीखें
बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाना सबसे ज़रूरी है और बच्चों के मन से डर दूर करें और आपको ना कहना सीखना होगा. अगर आपको कोई गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो वे प्रताड़ित करने वाले से डरे नहीं बल्कि उन्हें ऐसा न करने के लिए बोलें. प्रताड़ित करने वाले से बचने के लिए शोर मचाए जोर से चिल्लाई चिल्लाऐं ताकि आसपास के लोग उसकी चीख सुनकर उसके मदद को आ सके ।
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