ऐतिहासिक भीड़ से क्या उम्मीद ? शपथ ग्रहण के बहाने खैरागढ़ मे साहू समाज का शक्ति प्रदर्शन, भूपेश बघेल खुश तो हुए लेकिन........ : शपथ ग्रहण का सामाजिक स्तर मे प्रशंसा के साथ-साथ आलोचना भी हुई....
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खैरागढ़! DNnews-खैरागढ़-छुईखदान-गंडई नव जिला गठन के बाद राजनीतिक गलियारों मे हलचल तेज हो गया है. अलग-अलग समाज के लोग अपने-अपने समाज को संगठित करने मे एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है. यहां जातिवाद की राजनीति कुछ समय से हावी है. हालांकि जातिवाद की राजनीति को स्व. देवव्रत सिंह ने ध्वस्त करते हुए एक बार फिर विधानसभा मे परचम लहराया था.
भाजपा-कांग्रेस ने लोधी पर जताया भरोसा
यहां भाजपा-कांग्रेस ने जातिवाद को ध्यान रखते हुए लोधी समाज से प्रत्याशी मैदान मे उतार चुके है. भाजपा के कोमल जंघेल ऐसे प्रत्याशी है जिसे विधानसभा मे जीत कम हार का सामना ज्यादा करना पड़ा है. और हर बार कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा है.हाल ही मे हुए उपचुनाव मे भाजपा के करीबी कार्यकर्ता द्वारा कोमल जंघेल के खिलाफ चुनाव प्रचार किया . जिसकी शिकायत भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल ने आलाकमान को की थी. जांच मे सही पाए जाने पर छोटी मछली को भाजपा से निष्कासित कर दिया. कोमल जंघेल हर बार कम अंतर से चुनाव हारे है. लेकिन इस बार आंकड़ा ज्यादा ही रहा.
कांग्रेस प्रत्याशी गिरवर जंघेल दो बार चुनाव लड़े, जहां एक बार जीत व एक बार हार का सामना करना पड़ा. छत्तीसगढ़ मे एकतरफा कांग्रेस लहर मे गिरवर जंघेल का विधानसभा चुनाव मे तीसरा पोजीशन पर आना समझ से परे है. लंबे समय से कांग्रेस मे सक्रिय होकर कांग्रेस पार्टी के लिए ईमानदारी के साथ काम करने वाले गिरवर जंघेल विधायकी कार्यकाल मे दौरा तो खूब किए. लेकिन अपने आपको भुना नही पाए.
क्या साहू समाज को मिलेगा मौका ?
खैरागढ़ विधानसभा मे साहू समाज जातिवाद के मुकाबले मे लोधी समाज से कुछ कम ही है .यानि साहू समाज को ठीक दूसरे नंबर पर माना जाना कोई अतिशयोक्ति नही होगी. वहीं भाजपा-कांग्रेस से लोधी समाज का विधायक भी बन गया है. और वर्तमान मे लोधी समाज से ही विधायक है. राजनीतिक व सामाजिक दोनो एक दूसरे के पूरक है. और अधिकांश समाज राजनीतिक मे सफल होने के लिए शक्ति प्रदर्शन कर रहे है. और यही चीज साहू समाज ने जिला स्तर पर युवक युवती परिचय सम्मेलन व शपथ ग्रहण के बहाने शक्ति प्रदर्शन मे कोई कसर नही छोड़े. सामाजिक स्तर मे पहली बार किसी समाज ने बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया हो तो वह साहू समाज है. पंडाल के अलावा पंडाल के बाहर खचाखच भीड़ से तो यही अंदाजा लगाया जा रहा था कि साहू समाज ने पहली बार एकजुटता का परिचय दिया है. अब देखना यह है कि भाजपा-कांग्रेस के आलाकमान क्या साहू समाज पर भरोसा जताएगा यह तो वक्त ही बताएगा.
खचाखच भरा रहा मैदान
साहू समाज के कार्यक्रम मे खैरागढ़ के ऐतिहासिक फतेह सिंह खेल मैदान मे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थित मे खचाखच भीड़ भरा रहा. यहां सभी प्रकोष्ठों के द्वारा अपने अपने दायित्वों का निर्वहन बखूबी किया.मौका था शक्ति प्रदर्शन का . और साहू समाज ने मुख्यमंत्री को दिखा दिया कि साहू समाज एक संगठित समाज है. जो हमेशा सर्व समाज को लेकर चलते है.साहू समाज के शक्ति प्रदर्शन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुश तो हुए लेकिन भूपेश बघेल साहू समाज को खुश कर पाए या नही ये तो वक्त ही बताएगा..
अगले अंक मे पढ़े- कौन-कौन हो सकते है भाजपा-कांग्रेस के प्रबल दावेदार......?